Indian Stock Market position in june month

RAHUL SHARMA
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भारतीय शेयर बाजार की स्थिति – जून 2025

भारतीय शेयर बाजार वर्ष 2025 के मध्य तक मजबूती के साथ आगे बढ़ रहा है और एशिया के शीर्ष प्रदर्शन करने वाले बाजारों में शामिल हो गया है। खुदरा निवेशकों की बढ़ती भागीदारी, मजबूत कॉर्पोरेट कमाई, और हाल ही में संपन्न सामान्य चुनावों के बाद की राजनीतिक स्थिरता ने बाजार को नई ऊँचाइयों तक पहुँचाया है।

जून 2025 तक:

  • सेंसेक्स 82,000 अंकों से ऊपर कारोबार कर रहा है,

  • जबकि निफ्टी 50 24,500 के स्तर को पार कर चुका है।

बाजार में इस तेजी के पीछे प्रमुख कारण हैं:

  • 7% से अधिक की मजबूत जीडीपी वृद्धि दर,

  • निर्माण और बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में सरकारी सुधार,

box-sizing: border-box; color: #1f2937; line-height: 1.5rem; margin: 0px 0px 1rem;">एफडीआई (FDI) में वृद्धि और वैश्विक निवेशकों का भारत पर भरोसा।

बैंकिंग, आईटी, एफएमसीजी और नवीकरणीय ऊर्जा जैसे सेक्टर विशेष रूप से अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। साथ ही, मिड-कैप और स्मॉल-कैप शेयरों में भी तेजी देखने को मिली है।

हालांकि, विश्लेषक सावधानी बरतने की सलाह देते हैं क्योंकि बाजार मूल्यांकन (Valuation) कुछ क्षेत्रों में ऊँचा हो गया है और वैश्विक अनिश्चितताएं जैसे कि कच्चे तेल की कीमतें, अमेरिकी फेड की नीतियाँ और भू-राजनीतिक तनाव निकट भविष्य में अस्थिरता ला सकते हैं।

कुल मिलाकर, भारतीय शेयर बाजार देश की दीर्घकालिक विकास गाथा को दर्शा रहा है, जिसमें डिजिटल परिवर्तन, मजबूत घरेलू खपत और नीतिगत समर्थन मुख्य भूमिका निभा रहे हैं।भारतीय शेयर बाजार की स्थिति – जून 2025

भारतीय शेयर बाजार वर्ष 2025 के मध्य तक मजबूती के साथ आगे बढ़ रहा है और एशिया के शीर्ष प्रदर्शन करने वाले बाजारों में शामिल हो गया है। खुदरा निवेशकों की बढ़ती भागीदारी, मजबूत कॉर्पोरेट कमाई, और हाल ही में संपन्न सामान्य चुनावों के बाद की राजनीतिक स्थिरता ने बाजार को नई ऊँचाइयों तक पहुँचाया है।

जून 2025 तक:

  • सेंसेक्स 82,000 अंकों से ऊपर कारोबार कर रहा है,

  • जबकि निफ्टी 50 24,500 के स्तर को पार कर चुका है।

बाजार में इस तेजी के पीछे प्रमुख कारण हैं:

  • 7% से अधिक की मजबूत जीडीपी वृद्धि दर,

  • निर्माण और बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में सरकारी सुधार,

  • एफडीआई (FDI) में वृद्धि और वैश्विक निवेशकों का भारत पर भरोसा।

बैंकिंग, आईटी, एफएमसीजी और नवीकरणीय ऊर्जा जैसे सेक्टर विशेष रूप से अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। साथ ही, मिड-कैप और स्मॉल-कैप शेयरों में भी तेजी देखने को मिली है।

हालांकि, विश्लेषक सावधानी बरतने की सलाह देते हैं क्योंकि बाजार मूल्यांकन (Valuation) कुछ क्षेत्रों में ऊँचा हो गया है और वैश्विक अनिश्चितताएं जैसे कि कच्चे तेल की कीमतें, अमेरिकी फेड की नीतियाँ और भू-राजनीतिक तनाव निकट भविष्य में अस्थिरता ला सकते हैं।


कुल मिलाकर, भारतीय शेयर बाजार देश की दीर्घकालिक विकास गाथा को दर्शा रहा है, जिसमें डिजिटल परिवर्तन, मजबूत घरेलू खपत और नीतिगत समर्थन मुख्य भूमिका निभा 

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